ऐ हार ,तू कब तक हराएगी मुझ को ,एक दिन तू भी थक के हार जाएगी ,फिर क्या ,जीत तो मेरी ही होगी,मैं तप जाऊंगा, जल जाऊँगा, कट जाऊंगा, मिट जाऊंगा पर हार काभि नही मानूँगा ,आखरी सांस तक खून की आखरी बूंद तक मैं लड़ूंगा ,ये युद्ध जो छिड़ा है उसे खत्म कर जीत के नगाड़े ,तुरहियां चारो तरफ सुनाई देगी ,हर मुश्किलो ,दुखों , रुकावट ,तकलीफों ,तुम क्या ठहर पाओगे मेरे सामने योद्धा हु मैं ,मैं आज तक अपने खुदा के सामने ही झुकता आया ह,मौत भी क्या है मेरे सामने मेरे खुदा ने उसे भी जीत लिया है अपने लहू के द्वारा ,मैं तो वो आखरी वार का इंतज़ार कर रहा हु जिसमे तुम सब खत्म हो जाओगे ,है दुम है हिम्मत हैंताक़त है दिमाग है जज़्बा है जुनून हा मैं पागल हु शायद इस लिए अभी तक जिंदा खड़ा हूँ तुम्हारे सामने और आज भी तुम मेरे खिलाफ हार ही रहे हो।ना थकूंगा ना रुकूँगा ,बस आगे ही आगे चलूंगा।अंधी आओ तूफान आओ भूकंप आओ बोहोत से तूफान में भी टिका रहा ,अधियाँ भी न हिला सकी भूकंप भी न गिरा सके ऐसी मज़बूती लिए चल रहा हु ,।
Real eyes realize the real lies or real truth or fake lies or fake truth