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itihas Gawah hai

इतिहास गवाह हैं कि एक कामयाब इंसान के अतीत में कई नाकामयाब साल होते है ,एक कामयाब कहानी के अतीत में हज़ारो संघर्ष हज़ारों कठिन परिस्थिति हज़ारों कठिन रास्ते हज़ारों ठोकरे हज़ारों धोके हज़ारों बार गिरना ,हज़ारों ताने लोगो की बाते सुन्ना ,चारो दिशाओ से मुश्किल ,हमले ,दर्द दुख तकलीफ ,कई दफा तो न जीत पाने की म्रत्यु समान हालात में रहना ,हार निशिय हो ,पर कभी हार न मानने की कला ,बार बार उठने की फिर से लड़ने की कला ,आखरी दम तक जी जान से लगे रहने की कला ,से ही सारे तख्तोताज हासिल हुए है ऐसे ही मंज़िल ,कामयाबी ,नाम ,शोहरत ,रुपया ,नही मिल जाते ,तब जाके एक कामयाब कहानी बनती है ,सब कुछ इतना आसान नही होता आसान है तो सिर्फ मौत को दवात देना या खुद गले लगाना , बाकी सब के लोए खून पसीना मेहनत बहाना पड़ता है ,ओसे ही सब मिल जाता तो हर इंसान आज कामयाब होता खुश होता ,पर कुछ भी बैठे बैठे नही मिलता ,लाख चुनोतियो का सामना करना पड़ता है तब कुछ होता है ,कहना आसान होता है करना मुश्किल ,सोचना आसान होता ही उस सोच को हकीकत बनाना मुश्किल दिन रात एक हो जाते है कई बार तो बिना खाना खाएं पानी पिये नींद न लेकर भी रहना पड़

aye haar kab tak

ऐ हार ,तू कब तक हराएगी मुझ को ,एक दिन तू भी थक के हार जाएगी ,फिर क्या ,जीत तो मेरी ही होगी,मैं तप जाऊंगा, जल जाऊँगा, कट जाऊंगा, मिट जाऊंगा पर हार काभि नही मानूँगा ,आखरी सांस तक खून की आखरी बूंद तक मैं लड़ूंगा ,ये युद्ध जो छिड़ा है उसे खत्म कर जीत के नगाड़े ,तुरहियां चारो तरफ सुनाई देगी ,हर मुश्किलो ,दुखों , रुकावट ,तकलीफों ,तुम क्या ठहर पाओगे मेरे सामने योद्धा हु मैं ,मैं आज तक अपने खुदा के सामने ही झुकता आया ह,मौत भी क्या है मेरे सामने मेरे खुदा ने उसे भी जीत लिया है अपने लहू के द्वारा ,मैं तो वो आखरी वार का इंतज़ार कर रहा हु जिसमे तुम सब खत्म हो जाओगे ,है दुम है हिम्मत हैंताक़त है दिमाग है जज़्बा है जुनून हा मैं पागल हु शायद इस लिए अभी तक जिंदा खड़ा हूँ तुम्हारे सामने और आज भी तुम मेरे खिलाफ हार ही रहे हो।ना थकूंगा ना रुकूँगा ,बस आगे ही आगे चलूंगा।अंधी आओ तूफान आओ भूकंप आओ बोहोत  से तूफान में भी टिका रहा ,अधियाँ भी न हिला सकी भूकंप भी न गिरा सके ऐसी मज़बूती लिए चल रहा हु ,।